बीपीएससी ने कुछ दिन पहले 66वीं की परीक्षा के नतीजे जारी किए हैं. इन नतीजों में बिहार के कई युवाओं ने अफसर बनने का मुकाम हासिल किया है. बिहार के अलग-अलग इलाकों के युवा अलग-अलग रैंक हासिल कर बिहार के अलग-अलग विभागों में अफसर बने हैं. उनकी सफलता पर भव्य स्वागत का दौर भी चल रहा है। इस बीच सीवान की बेटी का डीएसपी बनने पर ऐसा स्वागत किया गया जिसे देख हर कोई दंग रह गया.
यह बेटी डीएसपी के तौर पर जैसे ही पहली बार सीवान स्थित अपने घर पहुंची, लोगों ने ढोल-नगाड़ों से जोरदार स्वागत किया. बीपीएससी में रिजल्ट के बाद यह बेटी पहली बार किसी सेलिब्रिटी की तरह अपने घर पहुंची। लोगों ने उनका भव्य स्वागत किया।
66वीं बीपीएससी परीक्षा में 682 रैंक स्थानीय लोगों ने पहले घंटों तक सड़क के किनारे खड़े होकर इंतजार किया, उसके बाद जैसे ही यह सीवान की बेटी अपने गांव पहुंची, लोगों ने फूल बरसाकर, माला पहनाकर उसका भव्य स्वागत किया.
खुली जीप पर बैठकर रीता को पहले घुमाया गया और फिर स्वागत किया गया। रीता सीवान के हसनपुरा प्रखंड के दलित बस्ती निवासी पूर्व शिक्षा अधिकारी स्वर्गीय सुदर्शन दास की बेटी हैं. सुश्री रीता कुमारी ने 66वीं बीपीएससी परीक्षा में 682 रैंक हासिल की है और उन्हें डीएसपी के पद के लिए चुना गया है।
रीता ने बताई डीएसपी बनने की कहानी इस सफलता के बाद जब रीता अपने गांव पहुंची तो उनका भव्य स्वागत किया गया। उनकी गाड़ी को रोककर विभिन्न स्थानों पर पुष्पवर्षा की गई और फूलों की माला पहनाई गई। डीएसपी बेटी के आने की खबर सुनकर हसनपुरा के तमाम ग्रामीण सुबह से ही नजरें गड़ाए हुए थे।
रीता के स्वागत के लिए बैंड बाजा और ढोल ताशा का भी इंतजाम किया गया था। डीएसपी के आने पर सभा का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने अपने विचार रखे और रीता ने डीएसपी बनने की कहानी सुनाई.
डीएसपी बनने से पूरे गांव में खुशी हसनपुरा की बेटी के डीएसपी बनने से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। इस मौके पर रीता कुमारी ने कहा कि आज मैं जो कुछ भी हूं अपने पिता और भाई की वजह से हूं। सभी ने मुझे काबिल बनने की राह दिखाई।
रीता ने कहा कि अन्य छात्र भी कड़ी मेहनत करके अपनी मंजिल हासिल कर सकते हैं। लोग हर समय नेगेटिव सोचते रहते हैं लेकिन वही नेगेटिव पॉजिटिव हो जाए तो आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता इसलिए अगर आप में टैलेंट है तो मंजिल दूर नहीं है और आपको अपनी मंजिल जरूर मिलेगी।